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इलेक्ट्रिशियन वह व्यक्ति होता है जो बिजली से संबंधित काम करता है, जैसे वायरिंग, सर्किट्स की मरम्मत, और बिजली उपकरणों की स्थापना। इलेक्ट्रिशियन बिजली के उपकरणों को ठीक करने और नए उपकरणों को सुरक्षित तरीके से इंस्टॉल करने में माहिर होते हैं। ये लोग बिजली के सिस्टम्स को सही ढंग से चलाने और उन्हें सुरक्षित बनाने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

इलेक्ट्रिशियन बनने के लिए कुछ खास कदम होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। यहां निन्मलिखित बिंदु में बताया गया हैं:

1.शिक्षा और प्रशिक्षण:

    • सबसे पहले, आपको कम से कम 10वीं कक्षा तक की शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए।
    • इसके बाद, आप इलेक्ट्रिकल ट्रेड में डिप्लोमा या आईटीआई (Industrial Training Institute) कोर्स कर सकते हैं। यह कोर्स आम तौर पर 2 साल का होता है और इसमें आपको बिजली के काम के बारे में आवश्यक ज्ञान और कौशल सिखाए जाते हैं।

2.ऑन-जॉब ट्रेनिंग:

  • आईटीआई या डिप्लोमा पूरा करने के बाद, आपको किसी अनुभवी इलेक्ट्रिशियन के साथ इंटर्नशिप या प्रशिक्षण प्राप्त करना पड़ता है। यह आपको वास्तविक दुनिया के काम के लिए तैयार करता है।
  • आपको वायरिंग, सर्किट डिजाइन, और अन्य बिजली से जुड़े कार्यों का अनुभव प्राप्त होता है।

3.प्रमाणपत्र प्राप्त करना:

  • कुछ राज्यों में आपको एक प्रमाणपत्र (licensing) प्राप्त करने की आवश्यकता हो सकती है, जो यह साबित करता है कि आप एक योग्य इलेक्ट्रिशियन हैं।
  • इसके लिए आपको परीक्षा पास करनी पड़ सकती है, जो आपकी विशेषज्ञता और सुरक्षा मानकों पर आधारित होती है।

4.काम शुरू करना:

  • एक बार प्रमाणपत्र मिल जाने के बाद, आप खुद से काम करना शुरू कर सकते हैं या किसी कंपनी में काम करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।

आप घरेलू, व्यावसायिक या औद्योगिक बिजली की मरम्मत, इंस्टॉलेशन, और रखरखाव का काम कर सकते हैं।

5.अनुभव और कौशल का विकास:

    • जैसे-जैसे आपका अनुभव बढ़ेगा, आप विभिन्न प्रकार के कामों में विशेषज्ञ बन सकते हैं और अधिक कठिन परियोजनाओं पर काम करने के योग्य हो सकते हैं।
    • समय के साथ आप अपनी खुद की कंपनी भी शुरू कर सकते हैं, यदि आप चाहें तो।

इलेक्ट्रिशियन बनने के लिए मेहनत, अभ्यास और सही प्रशिक्षण की जरूरत होती है, लेकिन एक बार ये कौशल सीखने के बाद आप एक अच्छा करियर बना सकते हैं।

 
  1.  

इलेक्ट्रिशियन बनने के लिए कई तरह के कोर्स होते हैं, जिनसे आप अपने करियर की शुरुआत कर सकते हैं। ये कोर्स विभिन्न संस्थानों द्वारा प्रदान किए जाते हैं और इनमें अलग-अलग स्तर होते हैं। नीचे कुछ प्रमुख इलेक्ट्रिशियन कोर्स दिए गए हैं:

  1. ITI (Industrial Training Institute) इलेक्ट्रिशियन कोर्स:

    • यह कोर्स 1-2 साल का होता है और इसमें आपको बिजली से संबंधित बुनियादी ज्ञान और कौशल सिखाए जाते हैं।
    • इस कोर्स के बाद आप एक प्रमाणित इलेक्ट्रिशियन बन सकते हैं और विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिकल कार्यों में काम कर सकते हैं।
  2. डिप्लोमा इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग:

    • यह कोर्स 3 साल का होता है और इसमें आपको इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के विस्तृत सिद्धांत और तकनीकी ज्ञान मिलता है।
    • इस कोर्स के बाद आप अधिक उच्च तकनीकी कामों, जैसे पावर सिस्टम्स, इलेक्ट्रिकल नेटवर्क और मशीनों के डिजाइन और रखरखाव में काम कर सकते हैं।
  3. सर्टिफिकेट कोर्स इन इलेक्ट्रिकल वर्क्स:

    • यह कोर्स छोटे समय (6 महीने से 1 साल) का होता है और इसमें मुख्य रूप से घरेलू और वाणिज्यिक इलेक्ट्रिकल कामों पर ध्यान दिया जाता है।
    • इसमें वायरिंग, सर्किट्स और छोटे बिजली उपकरणों की मरम्मत के बारे में सिखाया जाता है।
  4. हाई वोल्टेज इलेक्ट्रिशियन कोर्स:

    • यह कोर्स विशेष रूप से उच्च वोल्टेज के बिजली उपकरणों और सिस्टम्स के काम में विशेषज्ञता प्रदान करता है।
    • यह कोर्स उन लोगों के लिए है, जो पावर स्टेशन, बिजली वितरण केंद्रों और औद्योगिक क्षेत्रों में काम करना चाहते हैं।
  5. रेसिडेंशियल और कमर्शियल इलेक्ट्रिकल कोर्स:

    • इस कोर्स में घरेलू और व्यावसायिक बिजली उपकरणों की इंस्टॉलेशन और मरम्मत के बारे में सिखाया जाता है।
    • इसमें सुरक्षा मानकों, सर्किट डिजाइन और फॉल्ट डिटेक्शन की जानकारी दी जाती है।
  6. ऑनलाइन कोर्स और वर्कशॉप्स:

    • अब कई ऑनलाइन प्लेटफार्म्स पर भी इलेक्ट्रिशियन से संबंधित कोर्स उपलब्ध हैं। इनको आप अपने समय के अनुसार कर सकते हैं, लेकिन ये कोर्स अधिकतर बुनियादी जानकारी और सुरक्षा मानकों पर आधारित होते हैं।

इन कोर्सों के माध्यम से आप अपनी योग्यताओं को बढ़ा सकते हैं और एक पेशेवर इलेक्ट्रिशियन के रूप में काम कर सकते हैं।

इलेक्ट्रिशियन कई विभिन्न क्षेत्रों में काम कर सकता है, जहां उसे बिजली से संबंधित कार्यों की आवश्यकता होती है। नीचे कुछ प्रमुख स्थान दिए गए हैं जहां एक इलेक्ट्रिशियन काम कर सकता है:

  1. घरेलू क्षेत्र (Residential):

    • इलेक्ट्रिशियन घरेलू बिजली के कामों जैसे वायरिंग, लाइटिंग, पंखे, एसी की इंस्टॉलेशन और मरम्मत, पावर सप्लाई को सही करना आदि का काम करते हैं।
    • घरों में इलेक्ट्रिकल फॉल्ट्स (जैसे शॉर्ट सर्किट या फ्यूज उड़ना) को ठीक करने का कार्य भी करते हैं।
  2. वाणिज्यिक क्षेत्र (Commercial):

    • कार्यालयों, शॉप्स, मॉल्स और अन्य व्यापारिक स्थानों में इलेक्ट्रिकल इंस्टॉलेशन और रखरखाव का काम करते हैं।
    • यहां पर लाइटिंग, पावर सिस्टम्स, सिग्नलिंग, और सुरक्षा उपकरणों की इंस्टॉलेशन और मरम्मत की जाती है।
  3. औद्योगिक क्षेत्र (Industrial):

    • कारखानों और उद्योगों में बड़ी मशीनों, पंप्स, मोटर्स और पावर पैनल्स की इंस्टॉलेशन और मेंटेनेंस का काम करते हैं।
    • बड़े पैमाने पर पावर सिस्टम्स और सर्किट्स को डिजाइन करना और उनका रखरखाव करना भी उनका कार्य होता है।
  4. बिजली संयंत्र (Power Plants):

    • इलेक्ट्रिशियन पावर प्लांट्स में जेनरेटर, ट्रांसफॉर्मर, और अन्य पावर उपकरणों के इंस्टॉलेशन, रखरखाव और मरम्मत का कार्य करते हैं।
    • बिजली उत्पादन और वितरण के काम में सहायक होते हैं।
  5. बिजली वितरण (Electricity Distribution):

    • ट्रांसफॉर्मर, पावर लाइनों और इलेक्ट्रिकल सबस्टेशनों में काम करने के लिए इलेक्ट्रिशियन की आवश्यकता होती है।
    • वे बिजली की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए लाइनों का रखरखाव और मरम्मत करते हैं।
  6. निर्माण स्थल (Construction Sites):

    • निर्माण कार्यों में बिल्डिंग की वायरिंग, लाइटिंग सिस्टम, पावर सॉकेट्स, और अन्य इलेक्ट्रिकल उपकरणों का इंस्टॉलेशन करते हैं।
    • नए निर्माण प्रोजेक्ट्स में पावर सप्लाई और इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स को स्थापित करने के लिए इलेक्ट्रिशियन की जरूरत होती है।
  7. मल्टीनेशनल कंपनियां और बड़ी परियोजनाएं (Multinational Companies & Large Projects):

    • बड़ी कंपनियों और उद्योगों में, जहां पावर सिस्टम्स और अत्याधुनिक उपकरण होते हैं, इलेक्ट्रिशियन काम करते हैं।
    • इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और तकनीकी कार्यों में विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।
  8. ऑटोमोबाइल क्षेत्र (Automobile Sector):

    • इलेक्ट्रिशियन ऑटोमोबाइल्स के इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स जैसे बैटरी, लाइट्स, स्टार्टर मोटर्स, और अन्य इलेक्ट्रिकल भागों की मरम्मत और इंस्टॉलेशन करते हैं।
  9. सौर ऊर्जा (Solar Energy):

    • सौर पैनल्स और सौर ऊर्जा सिस्टम्स की इंस्टॉलेशन और रखरखाव के लिए इलेक्ट्रिशियन की आवश्यकता होती है।
    • यह क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है, और इलेक्ट्रिशियन यहां काम कर सकते हैं।
  10. फ्रीलांसिंग (Freelancing):

    • कई इलेक्ट्रिशियन स्वतंत्र रूप से काम करते हैं और छोटे-बड़े प्रोजेक्ट्स पर काम करते हैं, जैसे कि घर की वायरिंग, मरम्मत, और अपग्रेडेशन।

इस तरह, एक इलेक्ट्रिशियन अपनी विशेषज्ञता के आधार पर कई अलग-अलग क्षेत्रों में काम कर सकता है और अपना करियर बना सकता है।

इलेक्ट्रीशियन के लिए कई महत्वपूर्ण उपकरण होते हैं जो उनके काम को आसान और सुरक्षित बनाते हैं। नीचे कुछ मुख्य उपकरणों की सूची दी गई है:

  1. टेस्टर (Tester) – विद्युत प्रवाह की जांच करने के लिए।
  2. प्लायर (Pliers) – तारों को काटने और पकड़ने के लिए।
  3. स्क्रूड्राइवर सेट (Screwdriver Set) – विभिन्न प्रकार के स्क्रू को खोलने और कसने के लिए।
  4. मल्टीमीटर (Multimeter) – वोल्टेज, करंट और रेजिस्टेंस मापने के लिए।
  5. कटर (Wire Cutter) – तारों को काटने के लिए।
  6. इंसुलेटेड टूल्स (Insulated Tools) – सुरक्षा के लिए इंसुलेटेड हैंडल वाले उपकरण।
  7. क्रिम्पिंग टूल (Crimping Tool) – कनेक्टर लगाने के लिए।
  8. ड्रिल मशीन (Drill Machine) – दीवारों में छेद करने के लिए।
  9. मेजरिंग टेप (Measuring Tape) – मापने के लिए।
  10. केबल स्ट्रिपर (Cable Stripper) – तारों का इंसुलेशन हटाने के लिए।
  11. स्पैनर (Spanner) – नट और बोल्ट खोलने या कसने के लिए।
  12. हैमर (Hammer) – कील ठोकने और अन्य कार्यों के लिए।
  13. टॉर्च या हैडलाइट (Torch or Headlight) – कम रोशनी वाले क्षेत्रों में काम करने के लिए।
  14. इलेक्ट्रिकल टेप (Electrical Tape) – तारों को जोड़ने और इंसुलेट करने के लिए।
  15. फ्यूज पुलर (Fuse Puller) – फ्यूज को निकालने के लिए।
  16. सुरक्षा उपकरण (Safety Tools) – जैसे रबर ग्लव्स, सेफ्टी शूज़ और गॉगल्स।

यह उपकरण किसी भी इलेक्ट्रीशियन के काम के लिए जरूरी होते हैं और उनके काम को सुरक्षित और प्रभावी बनाते हैं।

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